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सूचना नहीं देने पर विकास अधिकारी के खिलाफ उपभोक्ता आयोग में परिवाद, RTI और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की अवहेलना

सूचना न दिए जाने के कारण पंचायत समिति लाडनूं के विकास अधिकारी के खिलाफ अब जिला उपभोक्ता आयोग, नागौर में परिवाद

लाडनूं (नागौर), 11 जुलाई 2025:सरकारी जवाबदेही और पारदर्शिता को लेकर लाडनूं में एक अहम मामला सामने आया है, जिसमें सूचना न दिए जाने के कारण पंचायत समिति लाडनूं के विकास अधिकारी के खिलाफ अब जिला उपभोक्ता आयोग, नागौर में परिवाद दायर किया जा रहा है। यह मामला नागरिक अधिकारों की अनदेखी और प्रशासनिक उदासीनता का प्रत्यक्ष उदाहरण बनकर उभरा है।

आवेदक ने भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 की धारा 75 के तहत दिनांक 16 जून 2025 को आवेदन क्रमांक LA/MP/BSA/112/2025 विकास अधिकारी को प्रस्तुत किया था। इसके साथ ₹10 अर्जेंट शुल्क एवं ₹100 दस्तावेज शुल्क ई-ग्रेस पोर्टल (eGRASS Rajasthan) के माध्यम से भुगतान किया गया।

निर्धारित समयसीमा बीतने के बावजूद मांगी गई सूचना नहीं दी गई। जबाव न मिलने पर संबंधित अधिकारी को कानूनी नोटिस भी भेजा गया, लेकिन उसकी भी अनदेखी की गई। अब यह पूरा मामला उपभोक्ता आयोग की चौखट तक पहुँच गया है, जहाँ प्रशासनिक निष्क्रियता के विरुद्ध न्याय की माँग की जा रही है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रकरण उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा और सरकारी जवाबदेही तय करने की दिशा में एक नजीर बन सकता है।

मुख्य बिंदु

📄 आवेदन क्रमांक: LA/MP/BSA/112/2025

📅 तारीख: 16 जून 2025

⚖️ धारा: भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 की धारा 75

💸 शुल्क भुगतान: ₹10 अर्जेंट चार्ज + ₹100 दस्तावेज शुल्क (eGRASS पोर्टल से)

📬 कानूनी नोटिस भी भेजा गया, परंतु जवाब नहीं मिला

🏛️ अब अगला कदम: जिला उपभोक्ता आयोग, नागौर में विधिक शिकायत

📢 मुद्दा: सूचना न देना, भुगतान के बाद सेवा न मिलना, प्रशासनिक लापरवाही

⚠️ महत्व: यह मामला भविष्य में प्रशासनिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने की मिसाल बन सकता है

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