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कलेक्टर ने किया कार्यवाही-तीनों पटवारियों को दोषी पाया और उनकी एक-एक वार्षिक वेतन वृद्धि रोकी दिया।

न्याय मिलना चाहिए,चाहिए कैसे ही मिले

मामले की सम्पूर्ण पत्रावाली और Note Sheet जिसके तहत कलेक्कटर कोटपुतली बहरोड़ ने तहसील बहरोड़ में कार्यरत तीनों पटवारियों को दोषी पाया गया और उनकी एक एक वार्षिक वेतन वृद्धि रोकी गई।

मामले की कहानी बहुत ही लंबी है सन 2020 में जब हंसराम को यह मालूम पड़ा कि राजस्व कार्मिकों तहसील बहरोड़ ने मेरे नाम से जो जमीन ग्राम जागुवास,बहरोड और कल्याणपुर में है उसमें मेरा नाम हंसराम की जगह हंसराज कर दिया है जब मैं इस संबंध में संबंधित पटवारीयों से मिला तो उन्होंने यह शुद्धिकरण करने से साफ मना कर दिया और रिश्वत की मांग की मैने रिश्वत देने से मना कर दिया तो उन्होंने कहा कि आप इस संबंध में दावा दुरुस्ती का मुकदमा दायर कर यह नाम शुद्ध करवा ले ।इसके बाद मैं आरटीआई के तहत तहसीलदार बहरोड से यह सूचना मांगी कि मेरे उक्त खसरा नंबर में जमीन में मेरा नाम जीस कार्मिक ने गलत दर्ज किया है उसकी सूचना उपलब्ध करवाए लेकिन श्रीमान तहसीलदार बहरोड में मुझे उन दोषीकर्मी को के नाम बतलाने से इनकार कर दिया । इसके बाद मैं तत्कालीन एसडीएम बहरोड़ के यहां प्रथम विभागीय अपील की । SDM बहरोड़ ने मेरी प्रथम अपील पर तहसीलदार कोई आदेशित किया कि दोषी कार्मिकों के नाम बतलाया जाए । इसके बाद मैं एसडीएम के आदेश की कॉपी लेकर के तहसीलदार ये यहां पुनः आरटीआई लगाई कि माननीय एसडीएम महोदय के न्यायालय की आदेश की अनुपालन में मुझे दोषी कार्मिकों के नाम बताया जाए । काफी पत्राचार और ना नूकर के बाद तहसीलदार ने अंतत उन तीनों दोषी पटवारीयों के नाम मुझे बतलाए और मुझे यह एक आदेश के तहत मेरे पास भेजे ।जिसमें तीनों पटवारीयों के नाम रामपत सिंह यादव, अमित कुमार यादव और मुनेश यादव थे । इसके बाद इन तीनों पटवारी की विरुद्ध मैं कार्रवाई करने करवाने के लिए श्रीमान SDM बहरोड़,तहसीलदार बहरोड़ और जिलाधीश अलवर को पत्राचार किया । श्रीमान SDM बहरोड़ ने अपनी जांच में इन तीनों पटवारीयों को दोषी माना ।

इसके बाद मैंने इन तीनो पटवारीयों के विरुद्ध अप्रैल 2021 थाना बहरोड़ में IPC 420,467,468,120B के तहत FIR दर्ज करवाई ।इन पटवारीयों में से एक पटवारी का रिश्तेदार राजस्थान पुलिस में ASI के पद पर तैनात है, उसने अपने प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए मेरी वह जांच जो बहरोड़ थाने में थी उसको रुकवा दिया । इसके बाद मैं राजस्व मंडल अजमेर में निवेदन किया कि इन तीनों पटवारी के विरुद्ध बहरोड़ थाने में धारा 420 467 68 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज है.

और श्रीमान एसडीम बहरोड ने इन्हें जांच में दोषी माना है अतः आप उनके खिलाफ कार्रवाई करें । राजस्व मंडल अजमेर ने श्रीमान कलेक्टर कोटपूतली को आदेशित किया कि इन तीनों पटवारीयों के विरुद्ध जांच कर आवश्यक कार्रवाई करें । राजस्व मंडल अजमेर के इस आदेश पर मैंने आरटीआई के तहत जिला कलेक्टर कोटपूतली बहरोड़ से RTI के तहत पूछा कि आपने जो कार्रवाई की है उसकी सूचना उपलब्ध करवाएं ,आपके कार्यालय में संधारित संपूर्ण NOTE SHEET की प्रतिलिपि उपलब्ध करवाएं उक्त सम्बंध में आपके कार्यालय मेंसंधारित संपूर्ण पत्रावली की प्रतिलिपि उपलब्ध करवाएं और इन सब के परिणाम यह रहा कि अंततः कलेक्टर कोटपूतली बहरोड को इन तीनों पटवारी के विरुद्ध CCA रूल 16 के तहत कार्रवाई करनी पड़ी और उन सभी तीनों की एक-एक वार्षिक वेतन वृद्धि रोकनी पड़ी । कलक्टर कोटपुतली बहरोड़ ने मुझे यह सुचना 130 पेजों में उपल्ब्ध कारवाई है।

दिनांक -05-10-2024 को राजस्थान विश्व विधालय जयपुर में राष्ट्रीय MOORT COURT का आयोजन किया गया किया गया यह कार्यक्रम दिनांक -07-10-2024 तक चला था समारोह को राजस्थान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति श्री MM श्रीवास्तव, सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश न्यायमूर्ति श्री अरविन्द कुमार की उपस्थिति थी.

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अगर वेतन रुका है, तो ये हो सकती है: 

****मज़दूरी भुगतान के नियमों के मुताबिक, नियोक्ता को कर्मचारी का वेतन मुद्रा सिक्कों या मुद्रा नोटों में देना होता है. नियोक्ता, कर्मचारी से लिखित प्राधिकरण लेने के बाद चेक या सीधे उसके बैंक खाते में भी वेतन जमा कर सकता है. 
****अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं, तो सरकार या किसी ऐसे प्राधिकारी द्वारा आपकी वेतन वृद्धि रोकी जा सकती है, अगर आपका आचरण अच्छा नहीं रहा है या आपका काम संतोषजनक नहीं रहा है. 

****सर्वोच्च न्यायालय के मुताबिक, किसी सरकारी कर्मचारी के वेतनमान में कटौती करना या उससे वसूली करना दंडात्मक कार्रवाई के समान होगा. 

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