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IPC में होंगे यह महत्वपूर्ण बड़े बदलाव।

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देशद्रोह कानून खत्म।

गैंगरेप पर होगी फांसी…।

गृह मंत्री श्री अमित शाह जी संसद भवन में बिल को सदन के पटल पर रखते हुए कहा कि हम इन कानूनों को खत्म करने जा रहें हैं, ये कानून अंग्रेजों द्वारा बनाए गए थे जो अब की स्थिति को देखते हुए इसमे बदलाव की बहुत ही जरूरत है।

भारतीय दंड संहिता (IPC) को भारतीय न्याय संहिता (BNS) में तब्दील किया जाएगा।

अपराध प्रक्रिया संहिता (CrPC) को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारत साक्ष्य अधिनियम (IAA) को भारतीय साक्ष्य (BS) कर दिया जाएगा।

तीनों बिलों को अब समीक्षा के लिए स्थाई समिति को भेजा गया है।

पहले जानिए तीन बिल में क्या बदलाव हुए?

CrPC: इसमें 160 धाराओं को बदल दिया गया है अब इसमें 533 धाराएं बचेंगी। 9 नई धाराएं जोड़ी गई है, 9 को हटाया गया है।

IPC: पहले 511 धाराएं थीं, अब 356 धाराएं होंगी। 8 नई धाराएं जोड़ी गई हैं और 22 को खत्म कर दिया गया है।

साक्ष्य अधिनियम: इसमें पहले 167 धाराएं थीं अब 170 धाराएं होंगी, 23 में बदलाव हुआ है, एक नई धारा जुड़ गई है। 5 को खत्म कर दिया गया है।

भारतीय दंड संहिता: में ये निम्नलिखित बड़े बदलाव किए जा रहे हैं:-

01- रेप केस: पहले न्यूनतम सजा सात साल थी, अब इसे बढ़ाकर 10 साल कर दी गई है।

02- नाबालिग के साथ रेप: के दोषी को न्यूनतम 20 साल की कठोर सजा होगी। अधिकतम सजा उम्र कैद है। जुर्माना भी लगेगा।

03- नाबालिग से गैंगरेप: नाबालिग के साथ यदि एक से अधिक लोग रेप करते हैं तो मौत की सजा दी जाएगी। जुर्माने का भी प्रावधान है।

04- रेप पीड़िता की पहचान: रेप की शिकार लड़की या महिला की पहचान को गुप्त रखने के लिए नया कानून बनाया गया है। इसक उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी।

05- अप्राकृतिक यौन संबंध: धारा 377 हटा दी गई है। अब पुरुषों को यौन उत्पीड़न से बचाने का कोई नियम नहीं बचा है। मतलब पुरुषों के खिलाफ किसी ने आप्रकृतिक यौन अपराध का आरोप लगाया तो कोई सजा का प्राविधान नहीं है।

06- बाल अपराध: बच्चों के खिलाफ अपराधों के लिए नया अध्याय जोड़ा गया है। इसमें परित्याग, बाल तस्करी आदि शामिल हैं।

07- लापरवाही से मौत: यदि किसी की मौत के मामले में किसी की लापरवाही उजागर होती है तो ऐसे केस में सजा को सात साल कर दिया गया है। पहले दो साल की सजा का प्राविधान था।

08- संगठित अपराध: संगठित अपराध के लिए नया कानून बनाया गया है। संगठित अपराध में यदि किसी की मौत होती है तो मृत्युदंड मिलेगा।

09- आतंकवाद: आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में नया कानून बनाया गया है। अब आतंकी को मौत की सजा दी जाएगी।

10- राजद्रोह: देशद्रोह कानून की धारा 124 (A) को हटाकर इसकी जगह अब धारा 150 कर दिया गया है। इस कानून में भारत की एकता, संप्रभुता और अखंडता का जिक्र है। इसमें सजा तीन साल से बढ़ाकर 7 साल कर दी गई है।

11- मॉब लिंचिंग: इस अपराध को अब हत्या की परिभाषा में जोड़ दिया गया है। 5 या 5 से अधिक लोगों का एक समूह जब नस्ल, जाति, समुदाय या अन्य किसी आधार पर हत्या करता है तो मौत की सजा दी जाएगी। इसमें न्यूनतम सजा 7 साल की है। जुर्माना भी लगेगा।

12- हेट स्पीच: धार्मिक भड़काऊ भाषण या हेट स्पीच अब अपराध है। इसके तहत तीन से 5 साल की सजा का प्राविधान है।

13- शादी का झूठा वादा: कोई शादी के झूठे वादे कर महिला के साथ यौन संबंध बनाता है तो इसे रेप माना जाएगा। 10 साल के लिए जेल और जुर्माना लग सकता है।

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