सूचना के अधिकार से जुड़े हुए सवाल और उनके जवाब को लेकर प्रत्येक रविवार को आयोजित होने वाला 89 वां आरटीआई वेबीनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में देश के विभिन्न कोनों से पार्टिसिपेंट्स ने प्रश्न पूछे जिनके जवाब उपस्थित विशेषज्ञों और सूचना आयुक्तों के द्वारा दिया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह के द्वारा की गई जबकि कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त शैलेश गांधी, उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती, पूर्व मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त आत्मदीप एवं माहिती अधिकार मंच मुंबई के संयोजक भास्कर प्रभु सम्मिलित रहे।
सूचना आयुक्तों और विशेषज्ञों ने सैकड़ों पार्टिसिपेंट्स के सवालों का दिया जवाब
सूचना आयोगों में आयुक्तों के लिए वर्किंग स्टाफ की पर्याप्त उपलब्धता पर दिया गया जोर
धारा 4 के प्रावधान लागू करने पर भी हुई चर्चा
सूचना आयुक्त राहुल सिंह के हालिया 17 पॉइंट मैनुएल्स आदेश को सभी राज्यों में लागू किए जाने को लेकर भी हुई चर्चा
पार्टिसिपेंट्स ने सूचना आयोग के द्वारा जारी किए जाने वाले आदेशों की लेटलतीफी के विषय में प्रश्न खड़ा किए जिसके विषय में उपस्थित सूचना आयुक्तों एवं पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त शैलेश गांधी ने बताया कि महाराष्ट्र में एक सूचना आयुक्त के लिए कम से कम 15 स्टाफ मौजूद हैं जबकि अन्य सूचना आयोगों में ऐसा नहीं है। शैलेश गांधी ने बताया कि सूचना आयुक्त का पद सबसे महंगा पद होता है अतः उसके लिए पर्याप्त स्टाफ की व्यवस्था की जानी चाहिए जिससे सुनवाई जल्दी हो और जल्दी आदेश भी पारित किए जाएं।
इस विषय पर मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने भी बताया कि कई बार जल्दबाजी करने पर दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और हाई कोर्ट से नोटिस आ जाती है इसलिए बेहतर रहता है कि सुनवाई का अवसर दिया जाए।
कार्यक्रम में पूर्व मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त आत्मदीप ने भी अपने विचार रखे। माहिती अधिकार मंच मुंबई के संयोजक भास्कर प्रभु ने एक बार पुनः धारा 4 के प्रावधानों को लागू करने के विषय में सूचना आयोग की शक्तियों का जिक्र करते हुए धारा 19(8)(ए) का हवाला दिया और कहा कि सूचना आयुक्त धारा 4 के प्रावधानों के विषय में एवं 17 पॉइंट मैनुअल के विषय में एनुअल रिपोर्ट तलब कर सकते हैं।
कार्यक्रम में लोक सूचना अधिकारी के द्वारा जवाब न दिए जाने पर प्रथम अपीलीय अधिकारी के विषय में शंका की स्थिति में प्रथम अपील किसे किया जाए इस विषय पर विशेषज्ञों के द्वारा बताया गया की प्रथम अपील का आवेदन लोक सूचना अधिकारी को ही किया जाना चाहिए और धारा 7(8)(2) एवं 7(8)(3) के उल्लंघन के लिए लोक सूचना अधिकारी की जिम्मेदारी है कि वह प्रथम अपील को संबंधित अपीलीय अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करें।
कार्यक्रम में उत्तराखंड से आरटीआई रिसोर्स पर्सन वीरेंद्र कुमार ठक्कर एवं राजस्थान से आरटीआई एक्टिविस्ट ताराचंद जांगिड़ ने वी पार्टिसिपेंट्स के कई प्रश्नों के जवाब दिए। कार्यक्रम में देश के विभिन्न कोनो से सैकड़ों पार्टिसिपेंट्स ने हिस्सा लिया और अपनी जिज्ञासा शांत की और अपने विचार भी रखें। कार्यक्रम का संचालन एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी के द्वारा किया गया.