कानून के प्रावधानों का किस प्रकार से दुरुपयोग महिला ने ग्वालियर में कानून के साथ मजाक
यह घटना ग्वालियर की हैं जिसमें स्पस्टयह देख जा सकता हैं कि महिलाएं किस प्रकार से अपनी इच्छा अनुसार कानून के प्रावधानों का दुरुपयोग से कानून के साथ मजाक बना दिया.जिसमें इस प्रकार की घटना में साथ संलगन लोगों से खिलाफ़ भी कार्यवाही होने चाहिए. जो यह उदाहरण स्पस्ट होता हैं कि दो-अलग-अलग थानान्तर्गत किस प्रकार से महिलाएं अपने कानून के प्रावधानों का किस प्रकार से दुरुपयोग करते हैं.


पहले एक महिला ने पुलिस थाने में अपने पति व ससुरालीजनों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज कराया। चार माह बाद उसी पति के खिलाफ एक और रिपोर्ट दर्ज कराई। इस बार आरोप लगाया कि उसने शादी का झांसा देकर कई बार दुष्कर्म किया। दोनों एफआईआर 2019 में दर्ज हुईं थी। हालांकि, अब दोनों पक्षों ने समझौता कर लिया है। इसी के आधार पर हाई कोर्ट ने दोनों एफआईआर को निरस्त करने का आदेश दिया है।
पहली एफआईआर… इसमें आरोपी को पति बताया :- 3 जुलाई 2019 को गोले का मंदिर पुलिस ने महिला के आवेदन पर वन विभाग में पदस्थ युवक व उसके माता-पिता व अन्य परिजनों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज किया। महिला ने इसमें आरोप लगाया कि शादी सात माह पहले ही हुई है। दो माह तक ठीक रखा फिर दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगे।
दूसरी एफआईआर… इसमें दुष्कर्म का केस लगाया :-14 नवंबर 2019 को महिला ने कंपू थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि वन विभाग में पदस्थ आरोपी उसे भिंड से ग्वालियर लेकर आया। यहां किराए के घर में शादी का वादा कर कई बार दुष्कर्म किया। शादी का दबाव बनाया तो 100 रुपए के स्टाम्प पर शादी करने का दिखावा किया। बाद में बिना बताए गायब हो गया।
इस मामले में ससुर ने कोर्ट में दहेज प्रताड़ना का केस निरस्त करने याचिका लगाई। दावा किया कि उनके बेटे और महिला का विवाह नहीं हुआ। वहीं उनके बेटे ने दुष्कर्म का केस निरस्त करने जो याचिका लगाई, उसमें महिला को पत्नी बताया और तलाक के लिए कुटुंब न्यायालय में केस लगाने की जानकारी दी।
