जागरूक नागरिक संजय इझावा द्वारा विभिन्न अधिकारियों / पदाधिकारियों के विरुद्ध की गई कुछ शिकायतों की जानकारी:
- भूपेंद्र पटेल, मुख्यमंत्री गुजरात:
गंभीर ब्रिज दुर्घटना के मुख्य आरोपी के रूप में FIR दर्ज कर कार्रवाई के लिए DGP को आवेदन दिया गया है। - सौरभ पारधी IAS, जिला कलेक्टर, सूरत:
सूरत एयरपोर्ट में बाधा डाल रही इमारतों को तोड़ने का आदेश तीन साल तक लागू न करने के लिए विभागीय जांच की मांग करते हुए मुख्य सचिव को शिकायत की गई है। - आयुष संजीव ओक IAS, तत्कालीन जिला कलेक्टर, सूरत:
सूरत एयरपोर्ट में बाधा बन रही इमारतों को तोड़ने के आदेश का तीन वर्षों तक पालन न करने के लिए विभागीय जांच हेतु मुख्य सचिव को शिकायत की गई है। - बंछानिधि पानी IAS, तत्कालीन कमिश्नर, सूरत महानगरपालिका:
महावीर और वनिता विश्राम को जोड़ने वाला फुटओवर ब्रिज अवैध रूप से गिराने के लिए, ब्रिज निर्माण की लागत कमिश्नर से वसूलने की मांग को लेकर गुजरात हाईकोर्ट में जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है। - शिवानी गोयल IAS, DDO, सूरत जिला:
अधिकार न होते हुए भी सरकारी वाहन पर लाल बत्ती लगाकर घूमने के विरुद्ध सूरत ट्रैफिक कोर्ट में शिकायत की गई है। - शरद सिंघल IPS, तत्कालीन एडिशनल पुलिस कमिश्नर, सूरत शहर:
लॉकडाउन के दौरान बंद टोइंग क्रेन को लाखों रुपये भुगतान करने के मामले में जांच अधिकारी के रूप में FIR दर्ज न करके पद का दुरुपयोग करने और आरोपियों को बचाने के खिलाफ सूरत न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में केस चल रहा है। - प्रशांत सुम्बे IPS, तत्कालीन उपायुक्त पुलिस (ट्रैफिक), सूरत शहर:
लॉकडाउन के दौरान बंद टोइंग क्रेन को लाखों रुपये का भुगतान कर भ्रष्टाचार करने के आरोप में FIR दर्ज कर जांच की मांग को लेकर गुजरात उच्च न्यायालय में केस चल रहा है। - अशोकसिंह चौहान GPS, तत्कालीन सहायक पुलिस आयुक्त, ट्रैफिक, सूरत शहर:
लॉकडाउन के दौरान बंद टोइंग क्रेन को लाखों रुपये का भुगतान कर भ्रष्टाचार करने के आरोप में FIR दर्ज कर जांच की मांग को लेकर गुजरात उच्च न्यायालय में केस चल रहा है। - के. जे. राठौड़, अतिरिक्त जिला निर्वाचन अधिकारी, सूरत:
अधिकार न होते हुए भी सरकारी वाहन पर लाल बत्ती लगाकर घूमने के खिलाफ सूरत ट्रैफिक कोर्ट में शिकायत की गई है।

