सूचना के अधिकार (RTI) पर सूचना आयोग का अहम फैसला!
गुजरात सूचना आयोग ने सूचना के अधिकार (RTI) के तहत आवेदकों को बार-बार पुलिस स्टेशन बुलाने या फीस भरने के लिए व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने की प्रथा पर रोक लगा दी है! 🚫
🔍 केस नंबर: अपील 0382-2024 (DYSP जूनागढ़ कार्यालय) इस मामले में आवेदक को केवल ₹146 की फीस भरने के लिए DYSP कार्यालय ने व्यक्तिगत रूप से बुलाया था। आवेदक न आने पर सूचना प्रदान नहीं की गई। इस गंभीर विषय को संज्ञान में लेते हुए, आयोग ने निम्नलिखित आदेश दिए:

✅ आयोग का आदेश:
- राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) को 15 दिनों के भीतर पुलिस विभाग को इस बारे में निर्देश जारी करने का आदेश।
- आवेदकों को व्यक्तिगत रूप से बुलाने की प्रथा बंद की जाए और सूचना देने में देरी न की जाए।
- यदि नियमों का पालन नहीं होता, तो संबंधित अधिकारी पर RTI एक्ट की धारा 20(1) के तहत जुर्माना और धारा 20(2) के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी।

📅 DGP कार्यालय की प्रतिक्रिया:
17 जुलाई 2025 को DGP कार्यालय ने आयोग के आदेश का पालन करने के निर्देश जारी किए हैं।
🙌 RTI आवेदकों के लिए राहत:
यह निर्णय RTI आवेदकों के अधिकारों की रक्षा करता है और पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। गांधीनगर स्तर की अन्य सरकारी शाखाओं को भी जवाबदेह बनाने की दिशा में यह एक प्रेरणादायक निर्णय है।
