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सरकारी कर्मचारी अधिकारिक कर्तव्य में अपने पद का विधि विधान के विरुद्ध कार्य करते हुए सलंगन हो तो उसे धारा 197 के तहत संरक्षण उपलब्ध नहीं होगा.

महत्वपूर्ण न्यायालयीन निर्णय:

  • प्रकाश सिंह बादल बनाम पंजाब राज्य (2007)
    – सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि कार्य “आधिकारिक कर्तव्य” का हिस्सा नहीं है, तो धारा 197 के तहत संरक्षण उपलब्ध नहीं है।
Parkash_Singh_Badal_And_Anr_vs_State_Of_Punjab_And_Ors_on_6_December_2006
  • हिमाचल प्रदेश राज्य बनाम एम.पी. गुप्ता (2004)
    यदि कोई कर्मचारी अपने पद का दुरुपयोग करता है तथा भ्रष्टाचार या अवैध कार्य करता है, तो उसे “आधिकारिक कार्य” नहीं माना जाता है।
State_Of_H_P_vs_M_P_Gupta_on_9_December_2003

देविंदर सिंह बनाम पंजाब राज्य (2016)
यदि कर्मचारी का कार्य केवल अपने पद का प्रयोग करना है, लेकिन अवैध है तो सुरक्षा प्रदान नहीं की जाती है।

Devinder_Singh_Ors_vs_State_Of_Punjab_Through_Cbi_on_25_April_2016
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