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प्रतिबंधित एप कैम स्कैनर का प्रयोग करने का आरोप

आईएएस सहित उप रजिस्ट्रार और अन्य के विरुद्ध मुकदमा

कोटपूतली । गुरुग्राम के सरस्वती कुंज सहकारी गृह निर्माण समिति लिमिटेड के चेयरमैन (गुरुग्राम उपायुक्त) सहित अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों विरुद्ध एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने मुकदमा दर्ज कराकर प्रतिबंधित चीनी एप कैम स्केनर का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।

साथ ही चाही गई सूचना भी भारतीय साक्ष्य अधिनियम के बजाय सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत अवधारित कर भेजने का आरोप लगाया है। ज्ञात रहे कि समिति के चेयरमैन आईएएस निशांत यादव हैं और वे गुरुग्राम के उपायुक्त भी हैं। शहर के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट राव धनवीर सिंह ने स्थानीय पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज कराया है

कि उन्होंने भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 76 के तहत प्रमाणित प्रतिलिपि चाहने बाबत समिति में आवेदन किया था, किन्तु लंबा वक्त बीतने के बाद भी आवेदन का निस्तारण नहीं किया गया।

आरोप है कि जब विधिक नोटिस भेजा गया तो कार्मिकों ने मूल आवेदन का अवलोकन किए बगैर भारतीय साक्ष्य अधिनियम के बजाय सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत अवधारित कर जवाब पत्र भिजवा दिया,

किन्तु जब पत्र को देखा गया तो प्रतिबंधित चीनी एप कैम स्केनर का वाटरमार्क अंकित पाया गया, जो देश की एकता, अखंडता व सुरक्षा के लिए खतरा है और इसी कारण उसे 29 जून 2020 को भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित किया जा चुका है।

आरोप है कि इसकी सूचना समिति के चेयरमैन को दी, किन्तु उन्होंने समिति के कार्मिकों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की। परिवादी ने उक्त मामले की सूचना स्थानीय एसडीएम षव मंडल को दी और पुलिस ने एसडीएम द्वारा भेजी गई मूल प्रति के आधार पर राव धनवीर सिंह की ओर से समिति के चेयरमैन निशांत यादव सहित समिति के उप रजिस्ट्रार यशपाल दहिया व नकल प्रभारी सचिन कुमार विरमानी सहित अन्य लोगों के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।

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