धारा 19(8)(बी) की शक्ति का प्रयोग कर आयुक्त ने अपीलार्थी को दिलवाया 2 हज़ार का जुर्माना
प्रमुख अभियंता जल संसाधन तुलसी नगर भोपाल को कार्यवाही के दिये आदेश।।
दिनांक 14 अप्रैल 2022 रीवा मध्य प्रदेश
सूचना के अधिकार कानून के उल्लंघन पर मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त के द्वारा एक बार पुनः बड़ी कार्यवाही की गई है। आवेदक राजेश प्रसाद तिवारी के आरटीआई आवेदन दिनांक 17 जुलाई 2019 पर समय सीमा पर जानकारी न देने पर सूचना आयुक्त राहुल सिंह के द्वारा यह कार्यवाही की गई है।
एसडीओ भवन एवं भंडार पर लगाया 25 हज़ार जा जुर्माना
जानकारी के अनुसार अपीलार्थी राजेश प्रसाद तिवारी ने आर टी आई लगाई थी जिसमे उन्होंने जल उपभोक्ता संस्था कटकी जिला रीवा की कार्यवाही पंजी, केशबूक एवं माप पुस्तिका की नकल दिनांक 01/01/2017 से 30/06/2019 तक चाही थी लेकिन यह जानकारी आवेदक को नहीं दी गई इसके बाद आवेदक प्रथम अपील और फिर द्वितीय अपील सूचना आयोग में किया। अपील की अंतिम सुनवाई के दौरान 25/02/2022 को सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने गुणदोष के आधार पर कार्यवाही करते हुए तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी एवं अनुविभागीय अधिकारी भवन एवं भंडार उप संभाग रीवा मध्य प्रदेश जो की सेवानिवृत्त है के विरुद्ध ₹250 प्रतिदिन के हिसाब से अधिकतम ₹25000 का जुर्माना ठोका है।
आवेदक को 2 हज़ार रु हर्जाने का भी दिया आदेश
मामले की सुनवाई करते हुए सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने देखा कि आवेदक राजेश प्रसाद तिवारी के द्वारा पूरे प्रकरण में वर्ष 2019 से लेकर 2022 तक पूरे 3 साल के भीतर अपना काफी समय और धन खर्च किया गया। जिसको ध्यान में रखते हुए सूचना आयुक्त ने धारा 19(8)(बी) की शक्तियों का प्रयोग करते हुए मदन सिंह डावर प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग तुलसी नगर भोपाल को आदेशित किया कि वह आवेदक को 2 हज़ार रु का हर्जाना दिलवाते हुए की गई कार्यवाही की जानकारी 11/05/2022 तक आयोग के समक्ष सुनिश्चित करें।
ज्ञातव्य है की बहुत ही कम ऐसे मामले होते हैं जिसमें धारा 19(8)(बी) की शक्तियों का प्रयोग करते हुए आवेदक को हर्जाना दिलाए जाने के प्रयास किए जाते हैं। इसके पहले भी सूचना आयुक्त राहुल सिंह के द्वारा आवेदकों को हर्जाने दिलवाए गए हैं। तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी एवं अनुविभागीय अधिकारी भवन एवं भंडार उप संभाग रीवा जो कि इस समय सेवानिवृत्त है को मध्य प्रदेश सूचना का अधिकार अपील अधिनियम के तहत राजेश प्रसाद तिवारी को डीडी के माध्यम से आयोग के समक्ष 25 हज़ार रु जमा करने के आदेश दिए गए हैं।
सुचना अधिकार अधिनियम के इस प्रकार की कार्यवाही होने से जन सुचना अधिकारी अब दण्ड से बचने के लिए ज्यादातर जानकारी हाल में उपलब्ध करने के लिए एक संदेश दिया हैं, जिससे सुचना अधिकार के प्रति लोगों में जान जागरूकता और प्रचार प्रसार होते रहे .