लैंड ग्रेबिंग एक्ट के तहत कार्रवाई और सरकारी जमीन हड़पने के घोटाले की सीट से जांच कराने की मांग
बिल्डरों ने नहरों और 18 मीटर सड़क पर अवैध कब्जा कर लिया
सूरत शहर में सरकारी अधिकारी और कर्मचारी मानो आंखों पर पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं। शहर के बाहरी इलाके चोर्यासी तालुका के कराडवा और सनिया कनदे गांवों के कर्मचारी मानो कुंभकर्ण की तरह गहरी नींद में सो गए हैं। क्योंकि इस इलाके में निजी बिल्डरों ने नहर की जमीन की प्लॉटिंग कर कई मकान बना लिये हैं। इस मामले में आज सूरत शहर कांग्रेस नेता असलम साइकिलवाला ने सूरत जिला कलेक्टर से शिकायत की।
कांग्रेस नेता असलम साइकिलवाला ने आज नहर को अवैध रूप से पाट देने के मामले में बिल्डरों के खिलाफ जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में बताया कि उन्होंने एक साल पहले नहर विभाग को लिखित आवेदन दिया था। हालाँकि, ऐसे दबावों को दूर करने के बजाय, नहर विभाग के अधिकारियों ने केवल डेवलपर्स को नोटिस देकर अपना बालिश बचाव करने की कोशिश की।
असलम साइकिलवाला ने आरोप लगाया है कि चोर्यासी तालुका के कराडवा और सनिया कनदे गांवों में नहर विभाग की सरकारी जमीन पर निजी सोसायटी के डेवलपर्स द्वारा हजारों वर्ग मीटर जमीन हड़पने का घोटाला किया है। नहर विभाग के अधिकारियों ,सूडा के अधिकारियों, स्थानीय सरपंच और तलाटी और जल वितरण सहकारी समिति की मिलीभगत में नहर को पाटकर वहां पर मकान बनाए गए है।
सूरत शहर से सटे कराड़वा और सनिया कनदे गांवों में पिछले एक साल के दौरान सूडा के पास से कई निजी सोसायटी योजना का निर्माण कार्य जोरों पर चल रहा है। इन सोसायटियों के डेवलपर्स द्वारा अपने अंतिम भूखंडों के पास सालों पुरानी नहरों और आसपास की 18 मीटर चौड़ी सड़क पर अवैध रूप से पाइप बिछाए गए हैं। जिसके कारण आसपास के क्षेत्रों में कृषि के लिए वरदान स्वरूप नहरें स्थायी रूप से बंद हो गई हैं।
सूरत शहर के पूर्व नगरसेवक असलम साइकिलवाला ने यह भी आरोप लगाया है कि सोसायटी के डेवलपर्स द्वारा नहर और उससे जुड़ी 18 मीटर सड़क पर अतिक्रमण करके भूमि का उपयोग व्यक्तिगत लाभ के लिए किया जा रहा है। नहर विभाग की करोड़ों की जमीन हड़पने के इस घोटाले में सरकारी विभाग के अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल हैं। इसलिए इस मामले की जांच विशेष जांच शाखा से करायी जानी चाहिए। सरकारी विभाग के बाबुओं और डेवलपर्स की मिलीभगत से चल रहे सरकारी जमीन हड़पने के घोटाले की सीट से जांच कराने और लैंड ग्रेबिंग एक्ट के तहत जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है।