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सूरत : दीवार गिरने से मजदूर की मौत के मामले में गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज

उधना पुलिस द्वारा प्लॉट मालिक और ठेकेदार को गिरफ्तार किया गया

उधना पुलिस द्वारा गिरफ्तार प्लोट मालिक और ठेकेदार

सूरत नगर निगम के संबंधित विभाग के अधिकारी भी उतने ही जिम्मेदार हैं

सूरत शहर के उधना इलाके में औद्योगिक ‌इकाई की तीसरी मंजिल के निर्माण के दौरान अचानक दीवार और स्लेब गिरने से एक मजदूर की मौत हो गई। उधना पुलिस ने पूरे घटनाक्रम में ठेकेदार और प्लॉट मालिक की घोर लापरवाही उजागर करते हुए दोनों खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया। बता दें कि इस घटना में तीन अन्य मजदूर भी घायल हो गये।

सूरत नगर निगम के उधना क्षेत्र में अवैध निर्माणों की बाढ़ आ गई है। अवैध निर्माण के पीछे अधिकारियों और बिल्डरों की मिलीभगत के कारण अवैध निर्माण धड़ल्ले से हो रहे हैं। जिसके पाप का शिकार निर्दोष लोग हो रहे हैं। ऐसा ही कुछ हुआ सूरत के उधना इलाके में।कल सूरत के उधना लक्ष्मीनारायण इंडस्ट्रीज में औद्योगिक इकाई की दूसरी और तीसरी मंजिल के निर्माण के दौरान अचानक चिनाई वाली दीवार स्लेब के साथ गिरने से चार मजदूर नीचे गिर गये। घटना में चंदू संगाड़ा नामक मजदूर की दर्दनाक मौत हो गई। जबकि तीन मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें 108 की मदद से इलाज के लिए सूरत न्यू सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया।

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यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हो गई। सीसीटीवी फुटेज में मजदूर निर्माणाधिन दीवार से टकराकर गिरते हुए भी कैद हुए। इस पूरी घटना को लेकर उधना पुलिस ने एक घायल की शिकायत मिलने के बाद जांच शुरू कर दी है।

उधना पुलिस की प्रारंभिक जांच के मुताबिक, यह पूरा निर्माण ठेकेदार नीलेश परमार द्वारा कराया जा रहा था। इतना ही नहीं प्लॉट मालिक भूपेन्द्र सोलंकी द्वारा निर्माण का ठेका नीलेश परमार को दिया गया। चल रहे निर्माण कार्य के दौरान मजदूरों को बिना किसी सुरक्षा के कार्य कराया जा रहा था। इतना ही नहीं बल्कि यहां किसी भी तरह से श्रम कानून अधिनियमों का भी पालन नहीं किया गया।

पुलिस की प्रारंभिक जांच में ठेकेदार और प्लॉट मालिक की ओर से घोर लापरवाही सामने आने पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया था। उधना पुलिस ने इस अपराध में ठेकेदार नीलेश परमार और प्लॉट मालिक भूपेन्द्र सोलंकी को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की जांच की जा रही है। उधर, पुलिस जांच में यह तथ्य भी सामने आया है कि प्लाट मालिक भूपेन्द्र सोलंकी को एक माह पहले अवैध निर्माण को लेकर सूरत नगर निगम की ओर से नोटिस भी दिया गया था। लेकिन फिर भी ये अवैध निर्माण जारी रखा गया। साथ ही भूपेन्द्र सोलंकी द्वारा केवल ग्राउंड प्लस वन फ्लोर के निर्माण की अनुमति ली गई थी। जिसके विरुद्ध यहा तीसरी मंजिल का निर्माण नियम विरुद्ध खड़ा किया गया था। जिसके कारण एक निर्दोष कर्मी इस त्रासदी का शिकार हो गया।

सूरत नगर निगम के संबंधित विभाग के अधिकारी भी उतने ही जिम्मेदार हैं। क्योंकि यदि उस समय अवैध निर्माण किया जा रहा था तो नोटिस भेजने की बजाय यदि निर्माण रुकवा दिया गया होता तो यह हादसा होता ही नही । लेकिन सूरत नगर निगम के संबंधित विभाग के अधिकारी सिर्फ नोटिस जारी कर ही संतुष्ट हो जाते हैं और आखिरकार इसका शिकार निर्दोष कर्मचारी ही बने हैं। इसलिए इस घटना में प्लॉट मालिक और ठेकेदार जितना ही जिम्मेदार नगर निगम के अधिकारी भी हैं। ऐसे में इस पूरे घटनाक्रम में सूरत नगर निगम के संबंधित विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करना जरूरी हो जाता है।

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