सरकार ने दी थी गारंटी उसी योजना में हुआ था भ्रष्टाचार…
केंद्र सरकार ने जब से मनरेगा योजना वर्ष 2007 से लागू की थी 2007 से ही बाहरी जिले के अधिकारी भोपाली आकाओं को पैसे देकर आदिवासी जिले में पोस्टिंग करवाने के बाद मनचाहे तरीके से स्थानीय रूलिंग पार्टी के नेताओं जनप्रतिनिधि की मिली भगत से आदिवासियों को 100ब गारंटी देने वाली महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना में घपले करते चले आ रहे हैं जिले में एक नहीं इसके कई उदाहरण प्रमाणित दस्तावेजों के साथ में समाचार प्रतिनिधि के पास मौजूद थे जिसमें राणापुर रामा पेटलावद थांदला की विकास खण्डों में जमकर अधिकारियों द्वारा लूटमार की गई जिनकी जांच भी हुई कलेक्टर ने दोषी भी पाया मामला कमिश्नर इंदौर तक भी गया लेकिन वर्षों बीत जाने के बाद कोई कार्रवाई नहीं लेकिन एक ऐसे ही रोचक और आर्थिक अनियमितता के मामले में भ्रष्टाचार करने वाले तत्कालीन कलेक्टर झाबुआ तत्कालीन जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी झाबुआ सहित सात अधिकारियों को माननीय न्यायालय झाबुआ द्वारा जेल की सलाखों के पीछे धकेल दिया है।
RTI क्या है मामला न्यायालय का…
माननीय विशेष न्यायाधीश राजेन्द्र शर्मा (भ्रष्टाचार निवारण (अधिनियम), झाबुआ जिला झाबुआ द्वारा आरोपीगण
1. जगदीश शर्मा पिता श्री ब्रजनंदन शर्मा (स्त्री) तत्कालीन कलेक्टर जिला झाबुआ
2. जगमोहन पिता श्री गजरूपसिंह धुर्वे तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत झाबुआ
3. नधुसिंह पिता श्री नारायणसिंह तंवर परियोजना अधिकारी (तकनीकी) राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, जिला पंचायत झाबुआ
4. अमित पिता श्री आर.एस दुबे तत्कालीन जिला समन्वयक
5. तत्कालीन वरिष्ठ लेखाधिकारी जिला पंचायत झाबुआ
6. आशीष पिता श्री सुरेश कदम तत्कालीन लेखाधिकारी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, जिला पंचायत झाबुआ को
धारा 13(1) (डी), 13(2) पीसी एवाट एवं धारा 120 (बी) भादवि 4-4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000-5000 हजार रुपये का अर्थदण्ड तथा 420 भादवि में 3-3 वर्ष का सश्रम कारावास और 4000-4000 रूपये से पंडित किया गया। राहुल प्रिंटर्स के मालिक मुकेश पिता सयनारायण जी शर्मा भोपाल ल को धारा 13(1) (डी), 13(2) पीसी एक्ट एवं धारा 120 (बी) भादवि 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 हजार रुपये का अर्थदण्ड तथा 420 भादवि में 3 वर्ष का सश्रम कारावास और 4000 रूपये एवं धारा 467 भादवि में 7 वर्ष का सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदण्ड से दंडित किया गया।
शासन की ओर से मजबूत पक्ष रखा जिला अभियोजन अधिकारी ने…..
शासन की ओर से प्रकरण का संचालन राजीव रूसिया जिला लोक अभियोजन अधिकारी, श्रीमति मनीषा मुवेल, अति. जिला लोक अभियोजन अधिकारी एवं राजेन्द्र पालसिंह अलावा सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी झाबुआ जिला झाबुआ द्वारा अपना मजबूत पक्ष न्यायालय के समक्ष पेश किया गया, जिसमें भ्रष्टाचार करने वाले तत्कालीन जिला कलेक्टर सहित सात भ्रष्टाचारियों को जेल के हवा खानी पड़ी।
राजेश सोलंकी मेघनगर ने आरटीआई के माध्यम से पहुंचा दिया जेल…
जिला मोठया प्रभारी सुश्री सूरज वैरागी अभियोजन अधिकारी झाबुआ द्वारा बताया गया कि कि विशेष पुलिस स्थापना कामुक्त कार्यालय इन्दौर संभाग इन्दौर में परिवादशीवा मेमनगर जिला आ द्वारा माननीय विशेष न्यायालय झाबुआ के समध एक लिखित परिवाद पत्र दिनांक 04/02/2010 को आरोपीगण जगदीश शर्मा आदि के विरूद्ध प्रस्तुत किया था, जिसमें परिवादी ने लेख किया कि आरोपी अपने पद का दुरुपयोग कर मध्य प्रदेश मुद्रणालय से न कराते हुए अन्य मुद्रणालय से करनी मुद्राको अवैध लाभ पहुंचाया है। माननीय न्यायालयापर की विशेष पुलिस थाना इन्दौर को प्रेषित किया गया था।
परिवाद पत्र के परीक्षण माननीय न्यायालय के आदेश के क्रम में विशेष पुलिस स्थापना संगठन द्वारा पंजीयन सात पुलिस इन्दौर के विरुद्ध परिपत्र हेतु प्राप्त हुआ आदेश के पालन में परिवाद पत्र की प्राथमिक कर अपना प्रतिवेदन पुइिन्दरको किया था। जिसके आधार पर संगठन द्वारा असा पंजीयन का निर्णय लिया गया था। पुलिस अधीक्षक विक् इन्दौर दिनांक 03.12.2010 अनुष्का अपना पंजीबद्ध करने हेतु आदेशित किया था जांच के दौरान पाया गया कि अभि द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए बिना डर के शासकीय प्रेस कई गुना मदर से १ प्रिंटर्स के मालिक मुकेश शर्मा, भोपाल सेका कार्य और सत्र का देवत पाया तुलना कर गणना करने पर पाया कि लगभग 6 गुना अधिक महंगे दर पर कार्य करवाते हु राशि 27.70,725/- रूपया का अतिरिक्त अवैध भुगतान राहुल प्रिंटर्स के मालिक मुकेश शर्मा को किया गया है जिसमें मुकेश शमा को 27,70,725/- रूपया का अवैध आर्थिक लाभ हुआ है। को इतनी होशि की आर्थिक इस प्रकार अभियुक्त द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए आपराधिक भ्रष्टाचार पूर्वक अनुयाया शासन के आदेशानुसार शाम्सको के समस्त कार्य शासकीय इन्दौर द्वारा अभियुक्तगण के विरुद्ध अनुसंधान पूर्ण कर 13 (1) (डी), 13(2) पी एक्ट एवं धारा 120(), 420, 201, 467 के तहत विशेष न्यायालय में अभियोगपत्र प्रस्तुत किया गया था।
7 वर्ष का सश्रम कारावास अर्थदंड भी….
विचारण के दौरान अभियोजन की ओर उक्त प्रकरण में कुल 34 अनियोजन साक्षीगण के कथन न्यायालय में करवाये गये एवं लिखित तर्क प्रस्तुत करते हुए अपना मामला बरी सिद्ध किया गया। जिससे माननीय विशेष न्यायाधीश श्री “राजेन्द्र शर्मा बुआ (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) द्वारा आज दिनांक को अभियुक्तगण को दोषी पाते हुए जगदीश शर्मा 2. जगमोहन पिता बाबुसिंह पिता 4. अमित,5.सदाशिव 6. आशीष को धारा 13 (1) (डी), 13 (2) पीसी एक्ट एवं धारा 120 (बी) आदवि 4-4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000-5000 हजार रुपये का तथा 420 भादवि में 3-3 वर्ष का सश्रम कारावास और 4000-4000 रूपये से दंडित किया गया। राहुल प्रिटरर्स के मलिक मुकेश शर्मा को पारा 13(1) (डी). 13(2) पीसी एक्ट एवं धारा 120 (बी) भादवि 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 हजार रुपये का अर्थदण्ड तथा 420 भादवि में 3 वर्ष का सश्रम कारावास और 4000 रूपये एवं धारा 467 भादवि में 7 वर्ष का सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदण्ड से दंडित किया गया।
धारा-4-सुप्रीम-कोर्ट-का-आर्डर-लागू-करने-के-लिए