भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत जानकारी नहीं देने पर यूपी राज्य उपभोक्ता आयोग ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को नोटिस जारी किया है। इसके पहले मुजफ्फरनगर जिला उपभोक्ता आयोग ने आवेदक की याचिका खारिज कर दी थी जिसके खिलाफ दाखिल प्रथम अपील संख्या A/1439/2022 पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने कहा कि मामले पर विचार की जरुरत है, इसके लिए प्रतिपक्ष को 15 मई 2023 के लिए नोटिस जारी किया जाता है।
ज्ञात हो कि सूचना अधिकार अधिनियम से निराश सूचना चाहने वाले अब भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत जानकारी मांग रहे हैं और जानकारी नहीं मिलने पर उपभोक्ता आयोग का रुख कर रहे हैं।
भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की धारा 76 के अनुसार
- प्रत्येक लोक अधिकारी जिनके पास सार्वजनिक दस्तावेज़ की अभिरक्षा है, जिसका निरीक्षण करने का अधिकार किसी को भी है, मांगे जाने पर वह उस व्यक्ति को कानूनी शुल्क के भुगतान पर एक प्रति देगा।
मुजफ्फरनगर निवासी अफसर आलम ने जनरल मैनेजर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण मेरठ से साक्ष्य अधिनियम के तहत कुछ लोक दस्तावेज की सत्यापित प्रतिलिपि मांगी, जिसे अस्वीकार कर दिया गया। मामले की शिकायत मुजफ्फरनगर जिला उपभोक्ता आयोग में दी गई। शिकायत संख्या CC/61/2022 जिसे 10.07.2022 को आनलाइन ई दाखिल पोर्टल से फाईल की गई थी, उसे 25.11.2022 को अंगीकरण की स्टेज पर ही आयोग ने खारिज कर दिया। अपने निर्णय में आयोग ने कहा कि, साक्ष्य अधिनियम के तहत लोक दस्तावेज की कॉपी उपभोक्ता आयोग दिलवा सकता है, लेकिन वर्तमान शिकायत में मांगी गई दस्तावेज लोक दस्तावेज की परिभाषा में नही आते हैं, इसलिए यह शिकायत खारिज की जाती है।
आवेदक ने जिला उपभोक्ता आयोग के उपरोक्त निर्णय से नाखुशी जताते हुए राज्य उपभोक्ता आयोग में ऑनलाइन अपील दाखिल किया था जिसपर सुनवाई करते हुए राज्य उपभोक्ता आयोग ने प्रतिवादी एनएचएआई को 15 मई 2023 के लिए नोटिस जारी कर दिया है।