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राज्य सूचना आयोग में लंबित अपील व शिकायत प्रकरणों की सूनवायी पक्षकारों के मोबाईल पर ऑडियो विडियों कॉफ़ेसिंग के माध्यम से कराये जाने की मांग

चिरमिरी निवासी आरटीआई कार्यकर्ता राज कुमार मिश्रा के द्वारा छ0ग0 उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका प्रस्तुत कर छ0ग0 राज्य सूचना आयोग में लंबित अपील व शिकायत प्रकरणों की सूनवायी पक्षकारों के मोबाईल पर ऑडियो विडियों कॉफ़ेसिंग के माध्यम से कराये जाने की मांग किया गया है. जिसकी सूनवायी छ0ग0 उच्च न्यायालय में दिनांक 13.12. 2022 को किया गया. आगे की सूनवायी दिनांक 01.02.2023 को निर्धारित किया गया है.


दिनांक-01 .02 .2018 को आरटीआई कार्यकर्त्ता ने मूख्य राज्य सूचना आयुक्त को एक पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि कृपया अपील व शिकायत प्रकरणों की सूनवायी मोबाईल पर विडियों कॉफ़ेसिंग के कराया जाय. इस तरह की सूनवायी कई राज्य सूचना आयोग और केंद्रीय सूचना आयोग से किया जा रहा है. उन्होंने अपने आवेदन में इस तरह की सूनवायी से होने वाले निम्न लाभ का वर्णन किया था.


लाभ
अ. वर्तमान में NIC से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हो रहे सूनवायी में लोक सूचना अधिकारी को अपना मूल कार्य छोडकर जिला कार्यालय (NIC कक्ष) तक जाना पड़ता है, जिससे उनका समय बर्वाद होता है और वे अपना मूल कार्य नही कर पाते। ऐसे अधिकारी के इस एक दिन का वेतन सरकार को देना पड़ता है, जिससे शासकीय धन की क्षति होती है। यदि उक्त लोक सूचना अधिकारी के मोबाईल पर ऑडियो कॉफेंस के माध्यम से सूनवायी किया जाय तो ऐसे अधिकारी को NIC कक्ष तक नही आना पड़ेगा, जिससे उनके कार्य स्थल से भी प्रकरण की सूनवायी आसानी से हो सकेगी और लोक सूचना अधिकारियों के वेतन के रूप में खर्च होने वाली राशि बचेगी तथा वे अपना मूल कार्य भी कर सकेगें।
ब. उपरोक्त लोक सूचना अधिकारी के अपने कार्यालय से NIC कक्ष तक जाने में आवागमन के लिए जो खर्च होता है, वो विभाग से वसूला जाता है जिससे शासकीय धन का अतिरिक्त रूप से क्षति होती है। लोक सूचना अधिकारी के मोबाईल पर ऑडियो कॉफ्रेंस के माध्यम से सूनवायी होने से उनके आवागमन का खर्च बचेगा। जिससे शासकीय धन का बचत होगा।
स. उपरोक्त प्रकार के अधिकारी को सूचना का अधिकार के अपीलों/शिकयतों के एक प्रकरण में सूनवायी के लिए NIC कक्ष कई बार जाना पड़ता है। जिससे राज्य सरकार को हजारों रू. की क्षति होती है। इसे लोक सूचना अधिकारी के मोबाईल पर ऑडियो कॉफ़ेंस के माध्यम से सूनवायी कर आसानी से दुर किया जा सकता है।
द. अभी की स्थिति में लोक सूचना अधिकारी को कई बार पेशी दिनांक की जानकारी नही होती या उन्हें नोटिस तामिल नही होता या किसी अन्य आवश्यक कार्य में व्यस्थता के कारण वे विडियों कॉफ़ेसिंग की सूनवायी में उपस्थित नहीं हो पाते ऐसी स्थिति में अपीलों /शिकयतों की पेशी बढ़ायी जाती है, जिससे सूचना आयोग में अपीलों /शिकयतों की पेंडेंसी बढ़ जाती है। मोबाईल पर ऑडियो कॉफ्रेंस के माध्यम से सूनवायी होने से लोक सूचना अधिकारी जहां कहीं भी होगें उन तक आसानी से पहुंच हो सकती है, जिससे प्रकरणों का आसानी से निराकरण होगा और आयोग में अपीलों /शिकयतों का पेंडेंसी खत्म होगा।
ई. माननीय आयोग द्वारा विडियों कॉफ्रेसिंग से सूनवायी में आवेदकों को भी NIC कक्ष तक जाना पड़ता है। जिससे उनका समय उर्जा और धन का अनावश्यक खर्च होता है। मोबाईल पर ऑडियो कॉफेंस के माध्यम से सूनवायी होने से आवेदकों का भी अनावश्यक खर्च बचेगा।
एफ. NIC से विडियों कॉफ़ेसिंग होने से सूचना आयोग राज्य सरकार का अत्याधिक खर्च होता है, परन्तु मोबाईल पर ऑडियो कॉफ्ेस के माध्यम से सूनवायी होने से खर्च/व्यय बेहद न्यून हो जायेगा। आज कल कुछ मोबाईल कंपनियों से मामुली खर्च पर असीमित कॉल निःशुल्क प्राप्त होता है। तकनिकी के इस दौर में इसका लाभ उठाया जा सकता है। आई .टी. एक्ट-2000 इस आशय की विधिक रूप से अनुमति प्रदान करता है।
आरटीआई कार्यकर्त्ता के उक्त अनुरोध के बाद छ0ग0 सूचना आयोग के द्वारा एक बेठक किया गया जिसके कंडिका-9.5 में निर्णय लिया गया कि- प्रकरणों के सूनवायी के समय आवेदकों द्वारा मोबाईल के माध्यम से सूनवायी किये जाने हेतु समय-समय पर निवदेन किया जाता रहा है, अतएव पायलट पायलट प्राजेक्ट के रूप में किसी एक जिले में जहां मोबाईल कनेक्टीविटी अच्छी हो को लिए जाने का प्रस्ताव किया गया. विधि अधिकारी इस संबंध में परीक्षण कर सात दिवस में अपना अभिमत प्रस्तुत करें.
सूचना आयोग के इस निर्णय के आधार पर विधि अधिकारी प्रवीण के द्वारा इस संबंध में अपना अभिमत दिया गया. इस अभिमत के विपरीत आज दिनांक तक आयोग द्वारा किसी भी शिकायत या अपील की सूनवायी विडियों कॉफ्ेंसिंग से सूनवायी नहीं किया जा सका.
कोविड-19 के महामारी के कारण स्वाच्य न्यायालय व देश के सभी उच्च न्यायालय में प्रकरणों की सूनवायी मोबाईल पर विडियों कॉफ्ेसिंग के माध्यम से किया जा रहा है, जो बेहद सुविधाजनक और आर्थिक रूप से कम खचीला है.
आरटीआई कार्यकर्ता राज कुमार मिश्रा के इस अनुरोध और अपने ही आदेश का पालन नही करने के कारण आरटीआई कार्यकर्ता ने छ0ग0 उच्च न्यायालय में रिट याचिका प्रस्तुत कर सूचना आयोग में शिकायत या अपील की सूनवायी विडियों कॉफ़ेसिंग से कराये जाने का आदेश देने का मांग किया गया है. यह याचिका वर्ष 2019 से छ0ग0 उच्च न्यायालय में सूनवायी के लिए लंबित है, जिसकी सूनवायी दिनांक 13.12.2022 को किया गया.
इस सूनवायी में छ0ग0 उच्च न्यायालय के एकल पीठ ने सूचना आयोग को इस संबंध में निर्देश दिया कि आयोग उचित कदम उठाये और उच्च न्यायालय को अवगत कराये. आगे की सूनवायी दिनांक 01.02.2023 को निर्धारित किया गया है.

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