चिरमिरी निवासी आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में जनहित याचिका लगाकर मांग किया है कि छत्तीसगढ़ राज्य में 45 अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों (IAS) के विरुद्ध कई वर्षों से लंबित शिकायतों का निराकरण करने के संबंध में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय दिशा निर्देश जारी करें. छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में यह जनहित याचिका क्रमांक
69/2021 के रूप में पंजीकृत किया गया है.
जनहित याचिका के अनुसार दिनांक-16.12.2015 को छत्तीसगढ़ विधानसभा में एक प्रश्न विधायक देवजी भाई पटेल के द्वारा पूछा गया था कि क्या मुख्यमंत्री महोदय बताने की कृपा करेंगे कि दिनांक 17.11.2015 तक भारतीय प्रशासनीक सेवा के किन-किन अधिकारियों के विरूद्ध शिकायती प्रकरण लंबित है? उनके नाम पदस्थापना सहित ब्यावरा दें. इस प्रश्न का उत्तर तात्कालिक मुख्यमंत्री के द्वारा बताया गया
कि दिनांक 17.11.2015 तक भारतीय प्रशासनिक सेवा के 45 अधिकारियों के खिलाफ शिकायत लंबित है. इस उत्तर में निम्न 45 अधिकारियों का नाम बताया गया. श्री सी.के. खेतान, श्री जी. आर. चुरेंद्र, श्री छत्तर सिंह डहरे, डॉ. कमलप्रीत सिंह, श्री मुकेश बंसल, श्री एन एम छीरसागर, श्रीमती शारदा वर्मी, श्रीमती रितु सेन, श्री निरंजन दास, श्री हिमशिखर गुप्ता, श्री एन.के. खाखा, श्री उमेश कुमार अग्रवाल,श्री ओ.पी. चौधरी, श्रीमती आर. संगीता, श्री टी. राधाकृष्णन, श्री अमित कटारिया, श्री नरेंद्र कुमार शुक्ला, श्री एलेक्स पाल मेनन, श्री के.सी. देवासेनापति,श्री अशोक कुमार अग्रवाल, सुश्री ओमेगा युनाईस टोपो, श्री भीम सिंह, श्री चंदन कुमार, सुश्री अमरमेलमंगई डी., श्री रणवीर शर्मा, श्री जी एस मिश्रा, श्री विकास संदीपान, श्री अवनीश कुमार शरण, डॉ. सारांश मित्तर, श्री जे.पी. पाठक, श्री अंकित आनंद, श्री दिनेश श्रीवास्तव, श्री टॉमन सिंह सोनवानी, श्री केडीपी राव, श्री सुरेंद्र कुमार जयसवाल, श्री एम.के. राउत, श्री अनबलगन पी, श्री बी. के. धुर्वे, श्री रजत कुमार, श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी, श्री डॉ. रोहित यादव, श्री भुवनेश यादव,श्री सुब्रत साहू, श्री अमृत खलखो, श्री दिलीप वासनिककर. भारतीय प्रशासनिक सेवा के उक्त 45 अधिकारियों के विरुद्ध लंबित शिकायती प्रकरणों में राज्य सरकार को अब तक यह निर्णय ले लेना चाहिए था कि उनके विरुद्ध
जांच करना है अथवा नहीं, इन अधिकारियों के विरुद्ध शिकायतें गंभीर प्रकृति का है.
इस जनहित याचिका में पूर्व सुनवाई में छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के द्वारा जवाब प्रस्तुत कर बताया गया कि 45 आईएएस अधिकारियों के विरुद्ध किस प्रकार की शिकायतें लंबित है. इस जनहित याचिका में सुनवाई दिनांक 28 सितंबर 2022 को किया गया. इस सुनवाई में छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के द्वारा बेहतर जवाब प्रस्तुत करने के लिए समय की मांग की गई और जनहित याचिकाकर्ता के अनुरोध पर इस प्रकरण की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से किए जाने के अनुरोध को स्वीकार कर दिया गया. इस महत्वपूर्ण जनहित याचिका की अग्रिम सुनवाई 16 नवंबर 2022 को निर्धारित किया गया है.
पूछे जाने पर आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा के द्वारा कहा गया कि “आईएएस अधिकारी ही किसी राज्य को व्यवस्थित रीति से संचालित करने के लिए जिम्मेदार होते हैं और उन आईएएस अधिकारियों के विरुद्ध कई वर्षों से शिकायतें लंबित है जो बेहद गंभीर प्रकृति की है असल बात यह है कि इस तरह के आईएएस अधिकारियों के विरुद्ध जांच भी उन्हीं के स्तर का कोई व्यक्ति करता है जिसमें न्याय उचित जांच होकर दोषी अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही किया जाना बेहद कठिन और दुष्कर होता है यदि इस प्रकार का जांच उच्च न्यायालय के देखरेख मैं होता है तभी जांच निष्पक्ष संपन्न हो सकता है.”…………..
राजकुमार मिश्रा जनहित याचिकाकर्ता.