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माँगा 48घंटे में जीवन और स्वतंत्रता से जुड़ी जानकारी नही मिला जानकारी तो गई होईकोर्ट , बिना अधिवक्ता के ही पेश किये अपने पक्ष, वह भी हिंदी में

सुचना का अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगने पर अपील के बाद भी अफसरों ने सुचना नही दी ! इस पर आवेदन करने वाले शिक्षक ने हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत की, उन्होंने हिंदी में खुद ही अपने केस की पैरवी की, होईकोर्ट  ने भी हिंदी में पूरा केस सुनने के बाद निर्णय दिया है!

आरटीआई में नही दी जानकारी तो हाईकोर्ट पहुँचा शिक्षक, हिंदी में खुद लड़ा मुकदमा

हाईकोर्ट-अधिवक्ता नियुक्त नही किया, कोर्ट ने कहा-आयोग ले आवेदन पर निर्णय

जस्टिस पी.सैमकोशी की बैच ने राज्य सुचना आयोग की उसकी अर्जी पर गुण दोष के आधार पर निर्णय लेने का निर्देश दिए हैं! विलासपुर के संजयकुमार पांडेय ने हाईकोर्ट में याचिका पेश कर बताया कि वे पेशे से शिक्षक हैं! नांदघाट गाँव के सरपंच और अन्य राजनीतिक रसूखदारों के दबाव में याचिकाकर्ता के विरूद्ध एक झूठीशिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की.! सुचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत जीवन और स्वतंत्रता से जुडी जानकरी 48 घंटे में देने का प्रावधान के आधार पर उन्होंने जानकारी और शिकायत की कोपी माँगी ! जन सुचना अधिकारी थाना प्रभारी ने जानकारी नही दी! याचिकाकर्ता को खुद के खिलाफ़ दर्ज प्रकरण की जानकारी के लिए दर-दर भटकना पड़ा! शिकायत की प्रतिलिपि 48 घंटे में देनी होती है,लेकिन 30 दिन बाद भी आधी-अधूरी जानकारी मिली! राज्य सुचना आयोग ने प्रकरणदर्ज कर कार्यवाई बंद कर दी! जानकारी दबाने वाले अधिकारी को अभयदान दे दिया गया ! सूचना आयोग में कार्यवाई नही होने पर  याचिकाकर्ता ने खुद ही हाईकोर्ट में याचिका पेश की ! बिना अधिवक्ता नियुक्त किए खुद ही हिंदी में मामले की पैरवी की ! जस्टिस पी.सैमकोशी की सिंगल बैच ने हिंदी में पुरी बहस सुनी ! याचिका निराकृत करते हुए कोर्ट ने कहा कि धारा 20 का आवदेन प्रस्तुत करने पर आयोग प्रकरण के तथ्यों के आधार पर गुण-दोष सहित विचार करें ! साथ ही याचिकाकर्ता को आयोग के समक्ष धारा २० का आवेदन प्रस्तुत करने के लिए कहा हैं!

अपील पर भी नही हुई सुनवाई

30 दिन कि समय सीमा के बाद भी थानाप्रभारी ने जानकारी नही दी तो याचिकाकर्ता ने प्रथम अपील अधिकारी उप पुलिस अधिक्षक बेमेतरा के पास प्रथम अपील प्रस्तुत की, इस पर सुनवाई तक नही हुई!  दितीय अपील पर जानकारी दिलाई जानी थी, लेकिन एक माह बाद जन सुचना अधिकारी ने बताया की याचिकाकर्ता को जानकारी दे दी गई हैं! यहाँ भी सुने बिना ही ममला बंद कर दिया ! याचिकाकर्ता ने आयोग से सुचना का अधिकार अधिनियम की धारा 20 के तहत कार्यवाई की मांग की लेकिन सुचना आयोग ने कार्यवाई नही की !

एक याचिका WPC. No 444 of 2022 पर #बिलासपुर_हाईकोर्ट ने आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना के गलत और देरी से मिलने पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

48 घंटे में है जानकारी देने का प्रावधान

शिक्षक ने जीवन और स्वतंत्रता से जुड़ी जानकारी जुटाने के लिए खुद पर दर्ज एफआईआर की कॉपी मांगी थी. इस पर थाना प्रभारी ने रौब दिखाकर जानकारी देने से मना कर दिया. बता दें सूचना का अधिकार कानून में जीवन और स्वतंत्रता से जुड़ी जानकारी 48 घंटे में देने का प्रावधान है.

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